धर्म क्या है कोई क्यों नहीं जानना चाहता
कल आमिर खान की फिल्म pk देखी ।हर बार की तरह इस
बार भी मजा आया ।लेकिन इस बार की फिल्म का इक सीन
देख कर ऐसा लगा कि जो संदेश इस फिल्म के माध्यम से
आम
लोगों तक पहुंचाया जा रहा है वो हम अभी तक नहीं समझ
पा रहे ।
फिल्म का एक सीन जो बहुत ही मनोरंजक भाग था -
" pk मस्जिद में शराब की बोतल लेके जाता है .....फिर
उसे वहां से भागना पड़ता है
(क्योंकि हिन्दु धर्म के साथ साथ मुस्लिम धर्म में भी शराब
को धर्म के विरोध में माना जाता है ।)
जब pk मुस्लिम लोगओं की गुस्साई भीड़ से बच कर बस
में बैठता है ...... सफेद कपड़ा
* हिन्दु धर्म में मातम के लिए अर्थात जब किसी का निधन
हो जाता है तो हिन्दु लोग सफेद कपड़े पहन कर उसकी
अंतिम यात्रा में जाते हैं ।
* हिन्दु धर्म में सफेद कुर्ता और पाजामा शांति और सौहार्द
का प्रतीक माना जाता है ।
* इसके अलावा जहां तक मुझे पता है मुस्लिम और अन्य
बाकी समुदाय में भी यही सब होता है ।परन्तु क्रिस्टियन
समुदाय में ऐसा नहीं होता ।
(बस यहीं से जनजागरण की शुरूआत होती है)
बस में विधवा औरत को दुखी देख उसका हाथ थामना,
फिर लोगों द्वारा दुत्कारना
फिर.....
बात आई कपड़ों की यानि परिधान सफेद कपड़ा
* हिन्दु धर्म में मातम के लिए अर्थात जब किसी का निधन
हो जाता है तो हिन्दु लोग सफेद कपड़े पहन कर उसकी
अंतिम यात्रा में जाते हैं ।
* हिन्दु धर्म में सफेद कुर्ता और पाजामा शांति और सौहार्द
का प्रतीक माना जाता है ।
* इसके अलावा जहां तक मुझे पता है मुस्लिम और अन्य
बाकी समुदाय में भी यही सब होता है ।परन्तु क्रिस्टियन
समुदाय में ऐसा नहीं होता ।
कपड़े भी हमें धर्म के अनुसार विभाजित कर सकते हैं । परन्तु बात आई कपड़ो और धर्म की तो क्या सफेद कपड़े
की
औरत विधवा है या दुल्हन (ईसाई धर्म)
काले कपड़े शोक का प्रतीक हैं या सुहागन का ( मुस्लिम)
सब गड़बड़
क्या कपड़े हमें बता पाएंगे कि हम किस भगवान को मानते
हैं । हो सकता है पर विभिन्न धर्मों की यह विभिन्नता भारत
की एकता और अखण्डता के लिए खतरा है ।
भारत में हम सब एक ही धर्म के हैं
भारतीय
आप मानो या ना मानो
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