परीक्षा की तैयारी हेतु शिक्षक के प्रयास
परीक्षा उपयोगी प्रश्नों (एक शब्द में उत्तर ) के संग्रह कर के उन्हे प्रश्न पत्र के
माध्यम से छात्रों के बीच बाॅटा जाता है जिससे छात्र पुस्तक
में उस प्रश्न से संबंधित अध्याय को पढ़े और स्वाध्याय के
द्वारा उन प्रश्न के उत्तर खोजने का प्रयास करता रहे ।
इस तरह से परीक्षा में पास होने के लिऐ केवल कुंजी या
गाइड का सहारा लेने वाले छात्र अपनी पाठ्यपुस्तक का
अध्ययन भी बारीकी करने लगता है ।और स्वाभाविक है
इस प्रयास को उसे अध्ययन क्रिया में लाभ मिलता है ।
हमारे यहां पिछले वर्षों से ऐसे प्रयोग आरंभ किऐ गऐ
जो छात्रों किसी न किसी तरीके से पाठ्यपुस्तक के करीब
ले जाऐ अन्यथा यह सत्य है कि छात्र पुस्तकों से ज्यादा
उनका छोटा और सरल रूप गाइड पर विश्वास बना कर
शिक्षा के असल उद्देश्य को भूल जाते है जो है विज्ञान
अर्थात विषय का विधीवतः ज्ञान ।
हम जो आज पढ़ रहे हैं वो कल काम आना है इसलिऐ
उसका सम्पूर्ण ज्ञान तभी जब हम उसे सही समय पर
सही तरह से समझ जाऐंगें वरना वह हमारे कोई काम
नहीं आना है ।
फिर वही काम भविष्य में किसी अन्य परीक्षा के लिऐ
दुबारा कोई नई कोचिंग में बैठना ।
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