निरोगी काया हेतु सूत्र

ध्यान से पढ़ने लायक बातें हैं जो निरोगी स्वास्थ्य के लिए भारतीय बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद में भी बताई ग ई है । "पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात! सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!! *धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!* दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!! *ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर!* कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!! *प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!* बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!! *ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!* करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!! *भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!* चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!! *प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!* सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!! *प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!* तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!! *भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!* डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !! *घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!* एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!! *अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!* पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!! *रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!* सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!! *सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!* भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश!! *देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!* अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल^^ *दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!* बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!! *सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!* दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!! *भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!* पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!! *अलसी, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!* यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल! *पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान!* श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!! *अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग!* आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग!! *फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!* ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!! *चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!* गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!! *रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय!* बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!! *भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड, अजवान!* पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!! *लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान!* तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान! *चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे !* ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !! *सौ वर्षों तक वह जिए, लेते नाक से सांस!* अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!! *सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान!* घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!! *हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान!* सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!! *अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर!* नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!! *तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग!* मिट जाते हर उम्र में,तन में सारे रोग। "🌸 -

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