चुम्बकीय पृथक्करण (10वीं कक्षा के लिए)
विद्युत्-चुम्बकीय पृथक्करण -
अयस्क या अशुद्धि में से किसी एक का स्वभाव चुम्बकीय हो, तो इस विधि का
उपयोग करते हैं। इस विधि में बारीक अयस्क को एक पट्टे (Belt) पर विद्युत्-चुम्बकों के बीच में धीरे-धीरे खिसकाया जाता है,जिससे चुम्बकीय पदार्थ थोड़ा खिंचकर पट्टे के नीचे तथा गैर चुम्बकीय पदार्थ पट्टे से गिरकर थोड़ा आगे पृथक् ढेरी
बनाते हैं । इस विधि में टिन स्टोन (SnO2) से Fe2O3, और FeWO4 तथा Fe (CrO2)2 से सिलिकीय अशुद्धि हटाई
जाती हैं ।
❤️❤️❤️
ReplyDelete