ग्रामीण विकास और बजट 2017- 18

ग्रामीण विकास और बजट 2017-18
वर्ष 2017-18 का एजेंडा हैः
टेक इंडिया (टीईसी) यानी ट्रांसफार्म, एनइज एंड क्लीन इंडिया । ग्रामीण विकास, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए कुल आबंटन 187223 करोड़ रुपये।
वर्ष 2017-18 के लिए कृषि संबंधी ऋण 10 लाख करोड रुपये के रिकॉर्ड रतर पर नियत।
न५ी फसल भी भोजन का दाI 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत किया था। इसके लिए 9 ६१ करोड़ २५ये को ५८ प्रावधान ।
नाबार्ड में पहले से ही स्थापित दीर्घावधिक सिंचाई निधि में 100 प्रतिशत तक अभिवर्धन5000 करोड रुपये की आरंभिक निधि के साथ प्रति घूद अधिक फसल प्राप्त करने के लिए नाबार्ड में समर्पित सूक्ष्म सिंचाई निधि की भी स्थापना।
राष्ट्रीय कृषि बाजार कर विस्तार 250 बाजारों से 585 एपीएमसी तक प्रत्येक राष्ट्रीय कृषि बाजार को 75 लाख रुपये तक सहायता। अनुबंध खेती के संबंध में ५५० मॉडल alना था कि 9/411 और ३से अ७५नाने हेतु Isयों को रियालित किया जाए. 2000 करोड़ रुपये की राशि के साथ नाबार्ड में डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास निधि की स्थापना।
वर्ष 2013 गांधीजी की 150वीं जयंती तक एक करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर लाना तथा 50 हजार ग्राम पंचायतों को गरीबी से मुक्ति दिलाना।
मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गई है।
2017-18 में मनरेगा के लिए आवंटन अब तक का सर्वाधिक 48000 करोड़ रुपये होगा। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण की गति का लक्ष्य 2017-18 में 133 किलोमीटर प्रतिदिन तय किया गया है मनरेगा के अंतर्गत कृषि से जुड़े 5 लाख के लक्ष्य की तुलना में 10 लाख तालाबों का कार्य मार्च 2017 तक पूरा कर लिया जाएगा।
वर्ष 2017-18 में खेती से जुड़े 5 लाख और तालाबों का कार्य शुरू किया जाएगा। 1 मई 2018 तक 100 प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल किया जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए आवंटन वर्ष 2017-18 में 23000 करोड़ रुपये कर दिया गया है जोकि वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान से 8000 करोड रुपये अधिक है। बेघर और कच्चे घरों में रह रहे लोगों के लिए 2013 तक एक करोड़ मकान पूरे करने का लक्ष्य। ग्रामीण भारत में स्वच्छता कवरेज 42 प्रतिशत अक्तूबर 2011 तक) से बढ़कर 60 प्रतिशत हुई।
खुले में शौच जाने से मुक्त गांवों को अब पाइपयुक्त जलापूर्ति के लिए प्राथमिकता।
राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के उपमिशन के हिस्से के रूप में अगले चार वर्षों में आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित 28 हजार से अधिक निवासों को सुरक्षित पेयजल प्रदान करने का प्रस्ताव।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में नए कौशल विकसित करने के लिए 2022 तक 5 लाख लोगों को राजगीरी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पंचायती राज संस्थानों में मानव संसाधन विकास हेतु मानव संसाधन सुधार कार्यक्रम 2017-18 के दौरान शुरू किया जाएगा। देशभर में 600 से ज्यादा जिलों में प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों का विस्तार, 100 भारत अंतर्राष्ट्रीय कौशल केंद्र देश भर में स्थापित किए शैक्षिक रूप से पिछड़े 3279 जिलों में स्थानीय नवाचार को प्रोत्साहन के जरिए सार्वभौमिक पहुंधलिंग समानता और गुणवत्ता सुधार सुनिश्चित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा हेतु नवाचार निधि शुरू की जाएगी। 14 लाख आईसीडीएस आंगनवाड़ी केंद्रों में 500 करोड़ रुपये के आवंटन से महिला शक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मातृत्व लान योजना के अंतर्गत उस प्रत्येक गर्भवती महिला के बैंक खाते में सीधे 6000 रुपये अंतरित कर दिए जाएंगे जो किसी चिकित्सा संस्था में बच्चे को जन्म देगी और अपने बच्चों का टीकाकरण कराएगी। सरते आवासों को अवसंरचना का दर्जा दिया जाएगा। प्राकृतिक आपदाओं से गरीब परिवारों के घरों एवं घरेलू सामान के नुकसान की भरपाई हेतु प्रभावी सामाजिक सुरक्षा तंत्र की व्यवस्था करने के लिए प्रधानमंत्री आपदा बीमा योजना शुरू की जाएगी जिसमें एक लाख के कवर हेतु मात्र 100 रुपये का वार्षिक प्रीमियम रखा। जाएगा।
भारत गेट के अंतर्गत 2017-18 के अंत तक ऑप्टिकल फाइबर पर हाईस्पीड ब्राडबैंड कनेक्टिविटी डेढ़ लाख से अधिक ग्राम पंचायतों में उपलब्ध होगी डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से टेलीमेडिसनशिक्षा और कौशल प्रदान करने के लिए डिजी गांव’ पहल शुरू की जाएगी।
सरकार ने 2017 तक कालाजार और फिलारियासिस2018 तक कोढ़, 2020 तक खसरा और 2025 तक तपेदिक समाप्त करने के लक्ष्य की कार्ययोजना भी तैयार की है।

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