NOBEL CORONA VIRUS - नोबल कोरोना वायरस - एक नज़र
(1) परिचय -
@ डॉक्टरों द्वारा कोरोना वायरस से मारे गए लोगो का पोस्ट-मोर्टेम करने के बाद इस वायरस से सम्बंधित बहुत अहम् जानकारी दी गयी गई |
ये वायरस स्वास नली में जाकर म्यूकस की लेयर बना लेता है जो सॉलिड हो जाती है और स्वास नली बंद हो जाती है . इलाज़ के लिए डॉक्टर्स इसी नली को खोलने की कोशिश करते हैं और दवाई देते हैं, हलाकि इसमें कई दिन लगते हैं और पेशेंट क्रिटिकल हो जाता है. इससे बचने के कुछ उपाय है जो की नीचे है -
१. दिन भर समय समय पर गरम पेय का सेवन करें जैसे की कॉफी, चाय, सूप, गरम पानी| हर २० mins में गरम पानी पिए| ऐसा करने से मुँह सूखेगा नहीं और अगर कोई वायरस आ गया होगा तो वो पेट में चला जायगा और गैस्ट्रिक juices की वजह से ख़तम हो जायगा इसके पहले की वो lungs तक पहुंच के पकड़ बना पाए.
२. हर दिन antiseptic जैसे की विनेगर या लेमन या साल्ट और गरम पानी से गरारे करें .
३. वायरस बालो और कपड़ो में चिपक जाता है| किसी भी साबुन या डिटर्जेंट से वो मर जाता है| इसलिए बाहर से घर आते ही सबसे पहले बिना कहीं बैठे सीधे बाथरूम जाके नहा लें | अगर कपडे धो नहीं सकते तुरंत तो धुप में रख देख कपड़ो को |
४. मैटेलिक जगहों पर वायरस 9 दिन तक रह सकता है . इसलिए ऐसी कोई चीज़ हो तो उसे जरूर साफ़ करें| सीढ़ीओं की रेलिंग, डोर हैंडल्स आदि को छूने से बचे और घर साफ़ करते रहे
५. सिगरेट न पियें
६. हर 20 mins में 20 sec के लिए किसी भी झाग वाले साबुन से अच्छे से हाथ धोएं |
७. सब्जियां और फल खाएं | Zinc और विटामिन-c दोनों को बढ़ाने की कोशिश करें
८. जानवरो से ये इंसानो को नहीं हो सकता | ये इंसान से इंसान को होता है |
९. एहतियात बरते की आपको वायरल फीवर या नार्मल कोल्ड और फ्लू ना होने पाए क्यूंकि उससे इम्युनिटी सिस्टम (रोग से लड़ने की शरीर की क्षमता) कमजोर हो जाता है | ठंडा पानी या ठन्डे पेय ना पिएं
१०. अगर आपको इन दिनों कभी भी गला ख़राब या खांसी या खराश लगे तो ऊपर बताये गए सुझावों को तुरंत प्रयोग ही करें | वायरस शरीर में ३-४ दिन इसी तरह गले में रह कर lungs में पहुंच जाता है | इसलिए बचाव के तौर पर एवं कोई भी लक्षण आने पर ऊपर बताय तरीके अपनाये |
1 लीटर स्प्रिट (कीमत 110 रुपए)
200 ml ग्लिसरीन (60 रुपए)
एक ढक्कन डिटोल का....
महक चाहिए तो आपका पसंदीदा कोई भी इत्र चल जाएगा....
पहले स्प्रिट व ग्लिसरीन को मिलाइये....
फिर डिटोल मिला दीजिए...
फिर यदि महक चाहिए तो इत्र मिला दीजिए
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मात्र 200 रुपए के आस-पास आपका 1200 ml सेनिटाइजर तैयार हो जाएगा....
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घर पर तैयार कर कालाबाजारी करने वालो को जवाब दीजिए....।
कोरोना वायरस (COVID-19) एक संक्रामक रोग है,जिसका पूरा नाम 'कोरोना वायरस डिसीज़ 19' है । यह एक नए तरह के वायरस की वजह से होता है जिसे पहले कभी इंसानों में नहीं देखा गया.(यह पुराने कोरोना वायरस का बिगड़ा रूप है अतः इस पर अभी तक कोई दवाई कारगर साबित नहीं हुई है)
इस वायरस की वजह से सांस की बीमारी (जैसे कि फ़्लू) होती है. खांसी, बुखार, और ज़्यादा गंभीर मामलों में न्यूमोनिया होना इस रोग के लक्षण हैं ।
इस वायरस का प्रभाव कम प्रतिरोधी क्षमता वाले लोगों जैसे 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे,60 से अधिक उम्र के लोग, मधुमेह, अस्थमा और अन्य बीमार लोग जो कम रोग प्रतिरोधी हों उन पर ज्यादा होता है ।
(2) कोरोना कहाँ से आया ? - कोरोना वायरस का सबसे पहला मामला चीन के वुहान शहर में 17 नवंबर 2019 को सामने आया ।इसके बाद दिसंबर तक इसने चीन में कोहराम मचा दिया । लोगों का कहना है कि चीन के वुहान में वायरोलॉजी लैब है जिससे ये वायरस किसी की लापरवाही के कारण बाहर निकल आया ।वहीं कुछ लोग मानते हैं कि चीनी लोग किसी भी जानवर को अपना भोजन बना लेते हैं और चमगादड़ का सूप पीना पसंद करते हैं ,जो कोरोना का वाहक हो सकता है ।इधर चीन की मानें तो सितंबर में वुहान में हुए दुनिया के विभिन्न देशों के सैन्य प्रदर्शन में आये अमेरिका के सैनिकों ने ये वायरस वुहान में छोड़ा है ।इस बात पर रूस और ईरान चीन का समर्थन करते दिखे वहीं अमेरिका के साथ फ्रांस और जर्मनी ने दिया ।
(3) कोरोना कैसे फैलता है ? - कोरोना एक संक्रामक बीमारी है और ये संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से फैलता है ।संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खाँसने पर उसके मुँह से निकली बूंदों जिसे ड्रापलेट कहते हैं उसमें मौजूद वायरस के कण दूसरों को संक्रमित करते हैं।(इसलिए भीड़ वाली जगह पर मास्क पहनने को बोला जाता है।) संक्रमित व्यक्ति के में कण चिपके हो तो उससे हाथ मिलाने पर भी संक्रमण हो सकता है ।( इसलिए हाथ मिलाने की बजाय नमस्ते करने को कहा गया है ) । इसके अलावा संक्रमित द्वारा किसी वस्तु को छूने जैसे लिफ्ट की बटन, सीढ़ी की रेलिंग, दरवाजे के हैंडल आदि पर भी ये बूंदे चिपकी हो सकती है ।
(4) कोरोना के लक्षण - कोरोना सामान्य सर्दी जुकाम के रूप में आता है इसे निम्न तरीके से समझ सकते हैं -
प्रथम तीन दिन :-
1. सामान्य सर्दी जुकाम बुखार
2 . गले में हल्का दर्द लेकिन खाना पीना सामान्य
3 .जी मचलाना व दस्त
चौथा दिन :-
1 . 36.5℃बुखार, हल्का सिरदर्द, वमन
2 . गले में दर्द बढ़ना, आवाज़ भर्राना
3 . खाने पीने में परेशानी होना
पांचवा दिन :-
1. गले का दर्द बढ़ना, खाने पीने में परेशानी
2. आवाज़ और भर्राना
3. जोड़ो में दर्द और कमजोरी
छटवां दिन :-
1 . बुखार 37℃ बढ़ना
2. सूखी खांसी, गला दर्द, थकान, वमन
3 . सांस लेने में तकलीफ
4 . दर्द हाथों की अंगुलियों तक पहुँचना
सातवाँ दिन :-
1 . बुखार 38℃
2 . खखार के साथ खांसी बढ़ना
3 . बदन दर्द, जोडों का दर्द, वमन, दस्त
आठवां दिन :-
1 . साँस लेने में परेशानी बढ़ना
2 . छाती में भारीपन,बुखार
3 . सिरदर्द, बदन दर्द, जोडों का दर्द बढ़ना
नोवां दिन :-
उपरोक्त सारे लक्षणों का बुरी तरह से बिगड़ जाना, कोई भी दवा काम ना करना ,बेहद बदतर स्थिति हो जाना ।
अतः स्थिति बदतर होने की राह ना देखें - बुखार, सुखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर के पास मास्क लगा कर पहुंचे ।
(4) क्या सावधानी बरतें ? - कोरोना अभी लाइलाज है अतः इसके संक्रमण से बचना ही सबसे बेहतर है ।
कोरोना को फैलने से रोकने के लिये निम्न बातों पर अमल करे :-
1 .सुबह दूधकी थैली घर लाये हो तो थैली को तुरंत पानी से धो लें, और साबून से अपना हाथ साफ कर लें.
2 . सब्जी लाने के बाद तुरंत नमक के पानी से धो लें.
3 . डाक से और कोरियर से कुछ ना मंगायें, बहुत ज्यादा जरूरी हो तो मंगाये लेकिन वो डाक ट्रे मे लिजीये और कम से कम 12 घंटे बाद खोलें ।
4 . ऑन लाईन कुछ दिनों तक ना मंगायें ।
5 . ओला, उबर या टेक्सी का उपयोग ना करें ।
6 . बच्चों को बाहर ना जाने दें ।
7 . कम्पयूटर, लेपटॉप का उपयोग कम से कम करें ।8 . दूसरों की साइकिल या गार्ड उपयोग ना करे ।
9 . घर से बडे बुजुर्गों को निकलने ना दें ।
करेंसी की अदला बदली फिलहाल टालिये , मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करें या लेने देन के बाद हाथ जरूर धोयें ।
10 . ATM मे डिस्पोज़ेबल हाथ दस्ताना पहन के जायें या टूथ पिक का उपयोग करें ।
11 . घर के कामवाली बाई या अन्य कोई , हाथ पैर धोने के बाद ही घर में आने दें ।
12 . सार्वजनिक स्थानो एवं भीड़-भाड़ में जाने से बचे ,अगर जरूरी हो तो मास्क का उपयोग करें ।
13 . हर एक घंटे में हैंडवाश, साबुन आदि से हाथ धोना ना भूलें ।
14 . बहार की बनी हुई खाने की वस्तु घर में ना लायें ।
ऐसा करके हम और आप करोना को फैलने से रोक सकते है क्योंकि ये एक दूसरे के संपर्क से फैलता है.. ।
इस वायरस की वजह से सांस की बीमारी (जैसे कि फ़्लू) होती है. खांसी, बुखार, और ज़्यादा गंभीर मामलों में न्यूमोनिया होना इस रोग के लक्षण हैं ।
इस वायरस का प्रभाव कम प्रतिरोधी क्षमता वाले लोगों जैसे 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे,60 से अधिक उम्र के लोग, मधुमेह, अस्थमा और अन्य बीमार लोग जो कम रोग प्रतिरोधी हों उन पर ज्यादा होता है ।
(2) कोरोना कहाँ से आया ? - कोरोना वायरस का सबसे पहला मामला चीन के वुहान शहर में 17 नवंबर 2019 को सामने आया ।इसके बाद दिसंबर तक इसने चीन में कोहराम मचा दिया । लोगों का कहना है कि चीन के वुहान में वायरोलॉजी लैब है जिससे ये वायरस किसी की लापरवाही के कारण बाहर निकल आया ।वहीं कुछ लोग मानते हैं कि चीनी लोग किसी भी जानवर को अपना भोजन बना लेते हैं और चमगादड़ का सूप पीना पसंद करते हैं ,जो कोरोना का वाहक हो सकता है ।इधर चीन की मानें तो सितंबर में वुहान में हुए दुनिया के विभिन्न देशों के सैन्य प्रदर्शन में आये अमेरिका के सैनिकों ने ये वायरस वुहान में छोड़ा है ।इस बात पर रूस और ईरान चीन का समर्थन करते दिखे वहीं अमेरिका के साथ फ्रांस और जर्मनी ने दिया ।
(3) कोरोना कैसे फैलता है ? - कोरोना एक संक्रामक बीमारी है और ये संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से फैलता है ।संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खाँसने पर उसके मुँह से निकली बूंदों जिसे ड्रापलेट कहते हैं उसमें मौजूद वायरस के कण दूसरों को संक्रमित करते हैं।(इसलिए भीड़ वाली जगह पर मास्क पहनने को बोला जाता है।) संक्रमित व्यक्ति के में कण चिपके हो तो उससे हाथ मिलाने पर भी संक्रमण हो सकता है ।( इसलिए हाथ मिलाने की बजाय नमस्ते करने को कहा गया है ) । इसके अलावा संक्रमित द्वारा किसी वस्तु को छूने जैसे लिफ्ट की बटन, सीढ़ी की रेलिंग, दरवाजे के हैंडल आदि पर भी ये बूंदे चिपकी हो सकती है ।
(4) कोरोना के लक्षण - कोरोना सामान्य सर्दी जुकाम के रूप में आता है इसे निम्न तरीके से समझ सकते हैं -
प्रथम तीन दिन :-
1. सामान्य सर्दी जुकाम बुखार
2 . गले में हल्का दर्द लेकिन खाना पीना सामान्य
3 .जी मचलाना व दस्त
चौथा दिन :-
1 . 36.5℃बुखार, हल्का सिरदर्द, वमन
2 . गले में दर्द बढ़ना, आवाज़ भर्राना
3 . खाने पीने में परेशानी होना
पांचवा दिन :-
1. गले का दर्द बढ़ना, खाने पीने में परेशानी
2. आवाज़ और भर्राना
3. जोड़ो में दर्द और कमजोरी
छटवां दिन :-
1 . बुखार 37℃ बढ़ना
2. सूखी खांसी, गला दर्द, थकान, वमन
3 . सांस लेने में तकलीफ
4 . दर्द हाथों की अंगुलियों तक पहुँचना
सातवाँ दिन :-
1 . बुखार 38℃
2 . खखार के साथ खांसी बढ़ना
3 . बदन दर्द, जोडों का दर्द, वमन, दस्त
आठवां दिन :-
1 . साँस लेने में परेशानी बढ़ना
2 . छाती में भारीपन,बुखार
3 . सिरदर्द, बदन दर्द, जोडों का दर्द बढ़ना
नोवां दिन :-
उपरोक्त सारे लक्षणों का बुरी तरह से बिगड़ जाना, कोई भी दवा काम ना करना ,बेहद बदतर स्थिति हो जाना ।
अतः स्थिति बदतर होने की राह ना देखें - बुखार, सुखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर के पास मास्क लगा कर पहुंचे ।
(4) क्या सावधानी बरतें ? - कोरोना अभी लाइलाज है अतः इसके संक्रमण से बचना ही सबसे बेहतर है ।
कोरोना को फैलने से रोकने के लिये निम्न बातों पर अमल करे :-
1 .सुबह दूधकी थैली घर लाये हो तो थैली को तुरंत पानी से धो लें, और साबून से अपना हाथ साफ कर लें.
2 . सब्जी लाने के बाद तुरंत नमक के पानी से धो लें.
3 . डाक से और कोरियर से कुछ ना मंगायें, बहुत ज्यादा जरूरी हो तो मंगाये लेकिन वो डाक ट्रे मे लिजीये और कम से कम 12 घंटे बाद खोलें ।
4 . ऑन लाईन कुछ दिनों तक ना मंगायें ।
5 . ओला, उबर या टेक्सी का उपयोग ना करें ।
6 . बच्चों को बाहर ना जाने दें ।
7 . कम्पयूटर, लेपटॉप का उपयोग कम से कम करें ।8 . दूसरों की साइकिल या गार्ड उपयोग ना करे ।
9 . घर से बडे बुजुर्गों को निकलने ना दें ।
करेंसी की अदला बदली फिलहाल टालिये , मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करें या लेने देन के बाद हाथ जरूर धोयें ।
10 . ATM मे डिस्पोज़ेबल हाथ दस्ताना पहन के जायें या टूथ पिक का उपयोग करें ।
11 . घर के कामवाली बाई या अन्य कोई , हाथ पैर धोने के बाद ही घर में आने दें ।
12 . सार्वजनिक स्थानो एवं भीड़-भाड़ में जाने से बचे ,अगर जरूरी हो तो मास्क का उपयोग करें ।
13 . हर एक घंटे में हैंडवाश, साबुन आदि से हाथ धोना ना भूलें ।
14 . बहार की बनी हुई खाने की वस्तु घर में ना लायें ।
ऐसा करके हम और आप करोना को फैलने से रोक सकते है क्योंकि ये एक दूसरे के संपर्क से फैलता है.. ।
@ डॉक्टरों द्वारा कोरोना वायरस से मारे गए लोगो का पोस्ट-मोर्टेम करने के बाद इस वायरस से सम्बंधित बहुत अहम् जानकारी दी गयी गई |
ये वायरस स्वास नली में जाकर म्यूकस की लेयर बना लेता है जो सॉलिड हो जाती है और स्वास नली बंद हो जाती है . इलाज़ के लिए डॉक्टर्स इसी नली को खोलने की कोशिश करते हैं और दवाई देते हैं, हलाकि इसमें कई दिन लगते हैं और पेशेंट क्रिटिकल हो जाता है. इससे बचने के कुछ उपाय है जो की नीचे है -
१. दिन भर समय समय पर गरम पेय का सेवन करें जैसे की कॉफी, चाय, सूप, गरम पानी| हर २० mins में गरम पानी पिए| ऐसा करने से मुँह सूखेगा नहीं और अगर कोई वायरस आ गया होगा तो वो पेट में चला जायगा और गैस्ट्रिक juices की वजह से ख़तम हो जायगा इसके पहले की वो lungs तक पहुंच के पकड़ बना पाए.
२. हर दिन antiseptic जैसे की विनेगर या लेमन या साल्ट और गरम पानी से गरारे करें .
३. वायरस बालो और कपड़ो में चिपक जाता है| किसी भी साबुन या डिटर्जेंट से वो मर जाता है| इसलिए बाहर से घर आते ही सबसे पहले बिना कहीं बैठे सीधे बाथरूम जाके नहा लें | अगर कपडे धो नहीं सकते तुरंत तो धुप में रख देख कपड़ो को |
४. मैटेलिक जगहों पर वायरस 9 दिन तक रह सकता है . इसलिए ऐसी कोई चीज़ हो तो उसे जरूर साफ़ करें| सीढ़ीओं की रेलिंग, डोर हैंडल्स आदि को छूने से बचे और घर साफ़ करते रहे
५. सिगरेट न पियें
६. हर 20 mins में 20 sec के लिए किसी भी झाग वाले साबुन से अच्छे से हाथ धोएं |
७. सब्जियां और फल खाएं | Zinc और विटामिन-c दोनों को बढ़ाने की कोशिश करें
८. जानवरो से ये इंसानो को नहीं हो सकता | ये इंसान से इंसान को होता है |
९. एहतियात बरते की आपको वायरल फीवर या नार्मल कोल्ड और फ्लू ना होने पाए क्यूंकि उससे इम्युनिटी सिस्टम (रोग से लड़ने की शरीर की क्षमता) कमजोर हो जाता है | ठंडा पानी या ठन्डे पेय ना पिएं
१०. अगर आपको इन दिनों कभी भी गला ख़राब या खांसी या खराश लगे तो ऊपर बताये गए सुझावों को तुरंत प्रयोग ही करें | वायरस शरीर में ३-४ दिन इसी तरह गले में रह कर lungs में पहुंच जाता है | इसलिए बचाव के तौर पर एवं कोई भी लक्षण आने पर ऊपर बताय तरीके अपनाये |
"सेनेटाइजर"की विधि
तो विधि इस प्रकार है.....1 लीटर स्प्रिट (कीमत 110 रुपए)
200 ml ग्लिसरीन (60 रुपए)
एक ढक्कन डिटोल का....
महक चाहिए तो आपका पसंदीदा कोई भी इत्र चल जाएगा....
पहले स्प्रिट व ग्लिसरीन को मिलाइये....
फिर डिटोल मिला दीजिए...
फिर यदि महक चाहिए तो इत्र मिला दीजिए
आपका सेनिटाइजर तैयार हो जाएगा...
मात्र 200 रुपए के आस-पास आपका 1200 ml सेनिटाइजर तैयार हो जाएगा....
जबकि बाजार में 100 ml का सेनिटाइजर 100 से 150 रुपए तक मे बिक रहा है.....
✔हम लोग "फिटकरी"से सेनेटाइजर बना सकते है...
1 लीटर पानी मे 100ग्राम "फिटकरी" डाल 1 ढक्कन "डिटोल",
गाड़ा करने के लिए "ग्लिसरीन"या "एलुविरा" मिलाकर भी "सेनिटाइजर"बना सकते है.....
घर पर तैयार कर कालाबाजारी करने वालो को जवाब दीजिए....।
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