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Showing posts from May, 2018

यदि आप कॉफी के शौकीन हैं तो ...

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हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि कॉफी सुबह 9-10 बजे या उसके बाद ही पीना चाहिए। शोध से पता चला है कि सुबह जागने के दो घंटों तक हमारे शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन लेवल अच्छा रहता है, इसलिए उस समय कॉफी पीने से कोई खास फ़ायदा नहीं ।कॉफी का फायदा तब मिलता है जब आप ऑफिस पहुंच जाएं या पहुंचने वाले हों। तब आपको अधिक फुर्ती की जरूरत पड़ती है, जबकि उस वक्त कॉर्टिसल का लेवल शरीर में कम हो जाता है। लंच के साथ कॉफी न लें। इसे भोजन के एक घंटे बाद पीएं क्योंकि तब आपको आलस्य या नींद सा महसूस होने लगता है। डिनर के बाद कॉफी हरगिज न पीएं। इससे आपकी नींद डिस्टर्ब हो जाएगी। दोपहर की झपकी से पहले आप चाहें तो कॉफी पी सकते हैं। रिसर्च से पता चला है कि पावट नेप से पहले कॉफी पीने से कार्यक्षमता बढ़ जाती है। कॉफी या किसी भी कैफीनयुक्त पेय पदार्थ के सेवन के आधे घंटे बाद आपको एक गिलास पानी जरूर पीना चाहिए । कॉफी में डाईयुरेटिक गुण होते हैं हैं, इसलिए पेशाब अधिक लगता है। इससे शरीर में पानी की जो कमी होती है उसकी भरपाई करना जरुरी है। कैफीन का सेवन हमेशा संतुलित मात्रा में करना चाहिए। वयस्कों को एक दिन में 400 मिग्रा

तरबूज की तरावट

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गर्मियों में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला फल होता है तरबूज। इसमें 99 फीसदी पानी होता है और बाकी 1 प्रतिशत विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें कार्बोहाइड्रेट विटामिन-ई, कैल्शियम,नियासिन ,प्रोटीन ,वसा, विटामिन-बी, फॉस्फोरस आदि तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। शरीर में पानी की कमी दूर करने के अलावा यह कई अन्य समस्याओं में लाभदायक है। सिरदर्द :- वातावरण में तापमान के बढ़ने से अक्सर गर्मी सिर में चढ़ने लगती है।जिससे चक्कर आने बेहोशी छाने और खासतौर पर सिरदर्द की समस्या होती है। ऐसे में तरबूज़ को कच्चा खाने के अलावा इसका जूस भी पी सकते हैं। मिश्री को तरबूज़ के रस में मिलाकर पीने से राहत मिलती है। यूरिन में जलन :- बच्चों के अलावा बड़ों में भी यह समस्या आम है। इसके लिए तरबूज के बीजों को गर्म पानी में पीसकर व छानकर पी लें। इससे यूरिन करते समय होने वाली समस्या में राहत मिलेगी साथ ही जिन्हें पथरी है उनमें इसे पीने से पथरी गलकर बाहर निकल जाती है। हाई ब्लड प्रेशर :-तरबूज के बीज की गिरी और खसखस अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा में मिलाकर रख दें। 3 ग्राम मिश्रण की

मनुष्य की नाभि भी अदभुत है

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*नाभी कुदरत की एक अद्भुत देन है* एक 62 वर्ष के बुजुर्ग को अचानक बांई आँख से कम दिखना शुरू हो गया। खासकर रात को नजर न के बराबर होने लगी।जाँच करने से यह निष्कर्ष निकला कि उनकी आँखे ठीक है परंतु बांई आँख की रक्त नलीयाँ सूख रही परंतु है। रिपोर्ट में यह सामने आया कि अब वो जीवन भर देख नहीं पायेंगे।.... मित्रो यह सम्भव नहीं है.. मित्रों हमारा शरीर परमात्मा की अद्भुत देन है...गर्भ की उत्पत्ति नाभी के पीछे होती है और उसको माता के साथ जुडी हुई नाडी से पोषण मिलता है  और इसलिए मृत्यु के तीन घंटे तक नाभी गर्म रहती है। गर्भधारण के नौ महीनों अर्थात 270 दिन बाद एक सम्पूर्ण बाल स्वरूप बनता है। नाभी के द्वारा सभी नसों का जुडाव गर्भ के साथ होता है। इसलिए नाभी एक अद्भुत भाग है। नाभी के पीछे की ओर पेचूटी या navel button होता है।जिसमें 72000 से भी अधिक रक्त धमनियां स्थित होती है।अगर सारी धमनियों को जोड़ा जाए तो उनकी लम्बाई इतनी हो जायेगी कि पृथ्वी के गोलाई पर दो बार लपेटा जा सके। नाभी में गाय का शुध्द घी या तेल लगाने से बहुत सारी शारीरिक दुर्बलता का उपाय हो सकता है। 1. आँखों का शुष्क हो जाना, नजर कमज